मंगलवार, 15 सितंबर 2009

तू दूर है मुझसे लगता नही है,
तू पास है मेरे ऐसा यंकी है।
तेरे चंचल शोख अदा से,
मन भी चंचल लगता है।
ऐसा मुझको लगता है,
जीवा दर्पण लगता है।
तू मेरे नजदीक है इतनी,
जैसे फूल बहार और रंग.
ऐसा मुझको लगता है,
जीवन दर्पण लगता है।
मेरे मन में समां रही हो ,
मेरे सपने सजा रही हो।
ऐसा मुझको लगता है,
जीवन दर्पण लगता है।
मई तेरा हूँ तू मेरे है,
बस ऐसा एहसास है ये।
ऐसा मुझको लगता है,
जीवन दर्पण लगता है।
जब देखा हँसता सा चेहरा ,
हसने को जी करता है।
तेरे हंसते चहरे को,
चूने का जी करता है।
ऐसा मुझको लगता है,
जीवन दर्पण लगता है।
तेरे एक एहसास की एक ऐसे ठंडक मिलती है,
जैसे तेरे कोमल हाथो में चाँद उतरते लगता है।
ऐसा मुझको लगता है ,
जीवन दर्पण लगता है।
मेरे जीवन में जैसे नई किरण सी आई है,
जो मेरे नन्हे सपनों के कोमल दीप जलाई है।
वो मेरे अब ताकत है,
ऐसा मुझको लगता है।
जीवन दर्पण लगता है।
तेरे मुख मंडल की आभा में ,
चाँद झलकने लगता है।
ऐसा मुझको लगता है,
जीवन....................................


अभिलाषा

दूर कंही एक आस जगी है,

नन्ही सी मुस्कान खिली है ।

उसके कोमल से चहरे पर ,

खुशियों की सौगात लगी है।

उसके मुख मंडल की लाली ,

फूलो को सरमाती है।

उसके योवन की वह काया,

मन मन्दिर सजाती है।

पहली बार मिला था उसको,

तब ऐसा एहसास नही था ।

मई तो ख़ुद को भूल चुका था,

याद दिलाई थी वह मुझको।

उसने मेरे जीवन में उर्जा का संचार किया है,

उसने मेरे सपनों को एक नया आकर दिया है।

साथ में उसके रहने से अब ,

मन में एक विशवास जगा है।

उसके नव जीवन में अब,

रंग भरने को जी करता है।

उसकी खुशिया देख कर,

खुश रहने को जी करता है।

जग की साड़ी खुशिया ,

दमन में उसके कर दू,

दुःख के बदल से उसको ,

दूर कंही ले उड़ चलू.

शुक्रवार, 4 सितंबर 2009

jeevan darpan

tu door hai mujhse lagata nahi hai,
tu pass hai mere aisa yanki hai.
tere chanchal sokh ada se,
man bhi chanchal lagata hai,
aisa mujhko lagata hai,
jeevan darpan lagata hai.
tu mere najadik hai itane,
aisa mujhko lagata hai.
mere man me sama rahi ho,
mere sapane saja rahi ho,
aisa mujhko lagata hai,
jeevan darpn lagata hai.
mai tera hoo tu mere hai,
bas itana ehasas hai ye,
aisa mujhko lagata hai,
jeevan darpan lagata hai.
jab dekha hasata sa chehara,
hasane ko jee karata hai,
tere hasate chehare ko,
choone ka jee karata hai,
aisa mujhko lagata hai,
jeeva darpan lagata hai.
tere ekehasas ki aise thandak milte hai,
jaise tere komal hatho me chand utarate lagata hai,
aisa mujhko lagata hai,
jeevan darpan lagata hai.
mere jeevan me jaise ek kiran se aaye hai,
jo mere sapano ke nanhe deep jalai hai,
vo mere ab takat hai,
aisa mujhko lagata hai,
jeevan darpan lagata hai.
tere mukh mandal ki aabha me,
chand jhalakane lagata hai,
aisa mujhko lagata hai,
jeevan darpan lagat hai.